अनायास ही एक चेहरे पर नज़र जाकर भी रुक जाती थी. अनायास ही एक चेहरे पर नज़र जाकर भी रुक जाती थी.
आपस में मिल सभी बोलते, प्रेम की भाषा हिंदी।। आपस में मिल सभी बोलते, प्रेम की भाषा हिंदी।।
मैं ही हूँ भारत की पहचान, फिर भी मुझसे हो अनजान। मैं ही हूँ भारत की पहचान, फिर भी मुझसे हो अनजान।
हमारे संस्कार तो हिन्दुस्तान की हिन्दी जैसे हैं जो लिखा है वो ही है पढ़ना। हमारे संस्कार तो हिन्दुस्तान की हिन्दी जैसे हैं जो लिखा है वो ही है पढ़ना।
बड़ी गहरी भाषा सरलता से हर कोई सीख जाता। बड़ी गहरी भाषा सरलता से हर कोई सीख जाता।
उर्दू का तासीर ज़हन में है गहरा पन्नो पे अल्फ़ाज़ मेरे इनसे ही उभरा। उर्दू का तासीर ज़हन में है गहरा पन्नो पे अल्फ़ाज़ मेरे इनसे ही उभरा।